Sai Baba Vrat Katha Vidhi Mantra in Hindi| साईं बाबा व्रत से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मंत्र।

Sai Baba Vrat Katha Vidhi Sai Baba Vrat ke Niyam Sai Baba Vrat Katha Sai Baba Mantra Sai Baba Vrat Udyapan Vidhi शिरडी के साईं बाबा की पूजा का बहुत महत्व है।साईं बाबा बहुत ही दयालु हैं वह सब की मनोकामना पूर्ण करते हैं।जो भी भक्त सच्चे ह्रदय से साईं बाबा के सामने अपनी मनोकामना रखता है सच्चे हृदय से उसका उनका व्रत करता है साईं बाबा उनकी मनोकामना जरूर पूरा करते हैं।

साईं बाबा ने सबका मालिक एक है का संदेश दिया है। बाबा के दरबार में अमीर और गरीब सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है।मान्यता है कि जो भक्त उन्हें श्रद्धा और विश्वास से उनकी पूजा और प्रार्थना करते हैं, तथा उनके दरबार में सच्चे मन से जाते हैं साईं बाबा उन भक्तों के बड़े से बड़े कष्ट पल भर में ही दूर कर देते हैं। आइये बात करते हैं साईं बाबा के व्रत की पूजा विधि व व्रत नियम से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

साईं बाबा का व्रत कब से शुरू करना चाहिए। — Sai Baba Vrat Katha Vidhi

Sai Baba Vrat Katha Vidhi
Sai Baba Vrat Katha Vidhi

साईं बाबा का व्रत शुरू करने के लिए सबसे अच्छा दिन बृहस्पतिवार होता है। साईं बाबा के भक्तों को चाहिये कि वे इस दिन व्रत शुरू करें और साईं बाबा की विधि विधान से पूजा करें।कम से कम लगातार 9 बृहस्पतिवार व्रत रखें। इस व्रत को करना बहुत ही आसान है साईं बाबा बहुत ही दयालु हैं। वह अपने भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। यह व्रत एक चमत्कारी व्रत है।सभी भक्तों का दुख हरने वाले शिर्डी के साईं बाबा का चमत्कार पूरी दुनिया मानती है। साईं बाबा के दरबार में जो जाता है वह खाली हाथ  कभी नहीं लौटता है। बाबा उनके सारे कष्ट दूर कर देते हैं।

साईं बाबा के व्रत के नियम। — Sai Baba Vrat ke Niyam.


Sai Baba Vrat ke Niyam
Sai Baba Vrat ke Niyam

1-यह व्रत स्त्री-पुरुष और बच्चे कर सकते हैं।

2-यह व्रत किसी भी गुरुवार से साईं बाबा का नाम लेकर शुरू किया जा सकता है। जिस कार्य के लिए व्रत किया गया हो, उसके लिए सांई बाबा से सच्चे हृदय से प्रार्थना करनी चाहिए।

3-यह व्रत बहुत ही चमत्कारिक है। नौ गुरुवार विधि-पूर्वक करने से निश्चित ही इच्छित फल की प्राप्ति होती है।

4-सुबह या शाम को किसी भी समय आसन पर पीला कपड़ा बिछाकर उसमें सांई बाबा का चित्र रखकर उसे स्वच्छ पानी से पोंछकर चंदन या कुंकुम का तिलक लगाना चाहिए। अगरबत्ती और दीपक जलाकर साईं बाबा की व्रत कथा पढ़नी चाहिए और सांई बाबा का स्मरण करना चाहिए। तथा प्रसाद बांटना चाहिए।

5-किसी कारण से व्रत न हो पाये तो उस गुरुवार को नौ गुरुवार की गिनती में न गिनें और उस गुरुवार के बदले अन्य गुरुवार करके नौवें गुरुवार को उद्यापन करें।

6-यह व्रत फलाहार लेकर किया जा सकता है अथवा एक समय भोजन करके किया जा सकता है। बिल्कुल भूखे रहकर उपवास न करें।

साईं बाबा व्रत की पूजन विधि। — Sai Baba Vrat Katha Vidhi.

Sai Baba Vrat Katha Vidhi
Sai Baba Vrat Katha Vidhi

साईं बाबा की पूजा के लिए गुरुवार के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के बाद सबसे पहले  सच्चे मन से साईंनाथ के व्रत एवं पूजन का संकल्प करें।इसके बाद साईं बाबा की मूर्ति या तस्वीर को स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र, चंदन, पुष्प, फल आदि चढ़ाएं। इसके बाद साईं बाबा की तस्वीर या मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं और प्रसाद में पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं।या फिर कोई अन्य मिठाई भी चढ़ा सकते हैं।

इसके बाद साईं बाबा की कथा कहें और उसके बाद ‘ॐ साईं देवाय नम:’ मंत्र का 108 बार जप करें। और साईं बाबा के 12 मंत्रों का भी उच्चारण करें।अंत में बाबा की आरती करने के बाद प्रसाद को लोगों में बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें। आप चाहें तो प्रसाद को गरीबों में भी बांट सकते हैं।इससे बाबा और भी अधिक प्रसन्न होते हैं।9 व्रत पूरे होने के बाद गरीबों को खाना खिलाएं और दान जरूर करें। इसके अलावा साईं बाबा व्रत की पुस्तक रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बांटे । साईं बाबा के व्रत रखने की संख्या 5,9,11 या 21 होती है।

साईं बाबा को प्रसन्न करने वाले 12 चमत्कारी मंत्र। — Sai Baba Mantra.

Sai Baba Mantra
Sai Baba Mantra

हर गुरुवार इन मंत्रों का जाप करने से साईं बाबा प्रसन्न  होते हैं। और आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। साईं बाबा का पूजन करते समय इन मंत्रों का भी उच्चारण करना चाहिए।

1. ऊं साईं राम

2. ऊं साईं गुरुवाय नम:

3. सबका मालिक एक है

4. ऊं साईं देवाय नम:

5. ऊं शिर्डी देवाय नम:

6. ऊं समाधिदेवाय नम:

7. ऊं सर्वदेवाय रूपाय नम:

8. ऊं शिर्डी वासाय विद्दहे सच्चिदानंदाय धीमहि तन्नो साईं प्रचोदयात

9. ऊं अजर अमराय नम:

10. ऊं मालिकाय नम:

11. जय-जय साईं राम

12. ऊं सर्वज्ञा सर्व देवता स्वरूप।

साई बाबा व्रत कथा। — Sai Baba Vrat Katha.

Sai Baba Vrat Katha
Sai Baba Vrat Katha

मालती और उसका पति सुरेश दोनों शहर में रहते थे। सुरेश स्टेशनरी की दुकान चलाता था। उसकी औरत मालती शांत स्वभाव की एक धार्मिक महिला थी। समय के चक्र के साथ सुरेश की दुकान में नुकसान होने लगा। उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। प्रतिदिन मालती और सुरेश के बीच कलह होने लगी।सुरेश एक दिन कही गया हुआ था। मालती घर के कार्य निपटा रही थी। उसी समय एक वृद्ध मालती के द्वार पर आकर दाल चावल की मांग करने लगे।

आवाज सुनकर मालती बाहर आयी तो देखा एक वृद्ध पुरुष खड़ा है। उसके चेहरे पर तेज चमक रहा था।मालती ने उन्हें प्रणाम किया वृद्ध पुरुष ने आशीर्वाद दिया ‘साई सदा सुखी रखे’ मालती बोली – महाराज! मेरी किस्मत में सुख कहां है? उसने अपनी सारी व्यथा उस वृद्ध पुरुष से कह दी। वृद्ध पुरुष मालती से बोले – तुम साई बाबा की आराधना करो नौ गुरुवार एक समय भोजन या फलाहार करते हुए साई बाबा की पूजा करो अगर हो सके तो साई मंदिर भी चले जाना।

नौवे गुरुवार को विधि-विधान से उद्यापन करना। भूखे को भोजन कराना तथा साई बाबा के ऊपर श्रद्धा और विश्वास रखना। साई बाबा तुम्हारी इच्छा अवश्य ही पूर्ण करेंगे।मालती  अगले गुरुवार से साई बाबा की पूजा और व्रत करने लगी। नौवे गुरुवार को भूखे को भोजन कराया और व्रत का उद्यापन किया। उसके घर में पहले की भांति सुख और शांति का आगमन हो गया। उसके पति सुरेश का रोजगार भली प्रकार चलने लगा। सुख पूर्वक दोनों का जीवन व्यतीत होने लगा।

जो कोई भी साईं बाबा का व्रत पूरी श्रद्धा से विश्वास से करता है साईं बाबा उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।

ऐसा माना जाता है कि साईं बाबा की पूजा करने से आपके परिवार में सुख और समृधि आती है और परिवार खुशहाल  रहता है| परिवार के सभी कष्ट दूर होते हैं।

साईं बाबा व्रत का उद्यापन। — Sai Baba Vrat Udyapan Vidhi.

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Sai Baba Vrat Udyapan Vidhi

साईं बाबा के नौवें व्रत के दिन पूजा करने के बाद पूजा में हुई जाने-अनजाने त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें। उसके बाद व्रत का उद्यापन करें। इसमें अपनी श्रद्धा अनुसार गरीबो को भोजन कराना चाहिए। कम से कम 5 गरीब या फिर जरूरतमंद लोगों को दान जरूर करें। तथा साईं बाबा की 5,7,11,21,51 या 101 किताबें भेंट करनी चाहिए जिससे साईं बाबा की महिमा का प्रचार-प्रसार हो सके।

किताबों को पहले पूजा स्थल में रखना चाहिए उनपर तिलक आदि करके उन्हें सगे-सम्बन्धियों में भेंट कर देनी चाहिए।जिससे सभी को साईं बाबा के चमत्कार का ज्ञान हो और उनकी भी मनोकामना पूर्ण हो सके। अगर कोई व्यक्ति उपरोक्त विधि से व्रत करता है तो साईं बाबा उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं।

साईं व्रत से जुड़े कुछ सवाल जवाब। FAQ

Q1-साईं बाबा का व्रत कौन -.कौन रख सकता है?

Ans. साईं बाबा का व्रत  स्त्री,पुरुष और बच्चे कोई भी रख सकता है।

Q2-साईं बाबा का व्रत कौन से वार को रखा जा सकता है?

Ans. साईं बाबा का व्रत गुरुवार के दिन रखा जाता है।

Q3-साईं बाबा के व्रत में क्या खाया जा सकता है?

Ans. साईं बाबा का व्रत फलाहार भी किया जाता है और आप चाहें तो शाम के समय एक समय भोजन भी किया जा सकता है।

Q4-साईं बाबा का प्रिय भोजन क्या है?

Ans. ऐसा माना जाता है कि साईं बाबा को दाल चावल से बनी खिचड़ी बहुत पसंद है।

Q5-साईं बाबा के अनमोल ग्यारह वचन कौन से हैं?

Ans. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा।
चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर।
त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा।
मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस।
मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो।
मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए।
जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का।
भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा।
आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर।
मुझमें लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया।
धन्य धन्य व भक्त अनन्य , मेरी शरण तज जिसे न अन्य।

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