
ज्यादातर बच्चे गर्मियों की छुट्टियों (Kid’s vacations ) में अपना होमवर्क पूरा करने के बाद सारा टाइम मोबाइल और टीवी में व्यतीत करते हैं। और पैरेंट्स भी बच्चों को ज्यादा कुछ नहीं कहते हैं।ज्यादातर टीवी, मोबाइल में व्यस्त रहने की आदत सही नहीं है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। परंतु बच्चे छुट्टियों में करें भी तो करें क्या।तो आइए आज बात करते हैं कि बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में क्या क्या कर सकते हैं।
बच्चों को क्रिएटिव चीजें करने के लिए दें।
गर्मियों की छुट्टियों में माता -पिता अपने बच्चों से बहुत सारी क्रिएटिव चीजें करवा सकते हैं। जैसे कि उन्हें सैंडविच बनाने के लिए देना और उनसे शिकंजी तैयार करवाना। इसके साथ -साथ वेस्ट मेटेरियल से उपयोगी चीजें बनाना। बच्चों को गार्डनिंग सिखाना। इस तरीके से बच्चे इन कामों को करने में इंटरेस्ट भी दिखाएंगे और यह सब सीख भी जाएंगे। साथ ही वह अपना टाइम मोबाइल, टीवी के पीछे ही नहीं व्यतीत करेंगे।

इससे बच्चों के मन में पॉजिटिविटी भी आती है और बच्चा स्वयं भी अपना दिमाग लगाकर कुछ नया करने की कोशिश करता है। क्रिएटिव चीजों को करने से बच्चों का दिमाग भी तेज होता है।
बच्चों को पार्क में ले जाएं।
सभी बच्चों को घर से बाहर निकलना, घूमना- फिरना पसंद होता है। इसके लिए आप बच्चे को शाम के समय पार्क में ले जा सकते हैं। वहां उनके साथ खेलें जिससे बच्चा खुश भी होगा और वहां बहुत सारे बच्चों को देखकर उनके साथ मिक्सअप होना भी सीख जाएगा।पार्क के आसपास कई तरीके के पेड़ -पौधे होते हैं जिससे कि बच्चे को उनके महत्व के बारे में बताएं। इससे बच्चा प्राकृतिक चीजों की ओर भी आकर्षित होता है।
बच्चों को कहानियों की किताबें लाकर दें।
ज्यादातर बच्चे मोबाइल और टीवी में ही अपना पूरा टाइम निकाल देते हैं। इन गैजेट्स की लत बच्चों को बिगाड़ने का काम करती है। आजकल तो ऐसा हो गया है कि बच्चे इन सब के बिना रह ही नहीं पा रहे हैं। ज्यादातर टाइम मोबाइल में ही बिताने से बच्चे की आंखों और उसकी स्मरण शक्ति एवं पूरे स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव पढ़ रहा है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा पूरा टाइम मोबाइल, टीवी में ना घुसे रहे तो आप इसके लिए बच्चों को कहानियों की किताबें लाकर दें।साथ ही आप भी उनके साथ इन कहानियों को पढ़ें और बच्चों में इन कहानियों के प्रति इंटरेस्ट जगाएं।
क्योंकि बच्चा जैसा देखता है वैसा ही करने की कोशिश करता है।किताबें पढ़ने की आदत बच्चों के लिए बहुत अच्छी होती है। इससे उनकी स्मरण शक्ति तेज होती है। साथ ही उनमें पॉजिटिविटी की भावना का विकास होता है।
बच्चों की रूचि के अनुसार क्लास ज्वाइन करें।

हर कोई बच्चा अलग -अलग होता है किसी का इंटरेस्ट किसी चीज में होता है तो किसी का किसी दूसरी चीज में। उनके इंटरेस्ट को पहचानते हुए माता -पिता को गर्मियों की छुट्टियों में उनका एडमिशन किसी भी क्लास में करवाना चाहिए। जैसे म्यूजिक, स्केटिंग, पेंटिंग, cooking, डांसिंग स्विमिंग ,सिंगिंग आदि ऐसा करने से बच्चा अपनी क्लास में इंजॉय भी करेगा। और अपनी रूचि के अनुसार अपने क्षेत्र में आगे भी बढ़ेगा।
बच्चों को राइटिंग करने के लिए दें।
गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को रोज एक पेज हिंदी और इंग्लिश राइटिंग करने के लिए दें। इससे उनकी लिखावट सुधरेगी और लिखने में उनकी स्पीड भी अच्छी होगी। और वह लिखने में होने वाली गलतियों में भी सुधार करना सीख जाएगा।
बच्चों को पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कोर्स जरूर करवाएं।
अपने बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कोर्स जरूर करवाएं।इससे बच्चों की इंग्लिश और कम्युनिकेशन स्किल में सुधार आएगा। और अगर बच्चा शर्मिला टाइप का है तो उसमें भी सुधार आएगा। साथ ही बच्चा आगे बढ़कर बोलना, भाषण देना, कविता सुनाना आदि चीजों से घबराइएगा नहीं। उसके अंदर की प्रतिभाएं खुलकर बाहर आएंगी।इसलिए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कोर्स बच्चों को जरूर करवाएं।
एक्सरसाइज करना सिखाएं।
हमेशा बच्चों में अच्छी आदतें डालनी चाहिए। इन आदतों में से ही एक आदत शामिल है एक्सरसाइज करना।आप गर्मियों की छुट्टियों में अपने बच्चे को एक्सरसाइज करना सिखा सकते हैं। ऐसा करने से बच्चों की इम्युनिटी बढ़ेगी और बच्चे फिट भी रहेंगे। समय से उठकर एक्सरसाइज करने से बच्चे समय और स्वास्थ्य दोनों के महत्व को समझेंगे। इसके लिए हमें स्वयं भी बच्चों के साथ एक्सरसाइज करनी चाहिए। अगर आपके पास समय नहीं है तो आप बच्चे को योगा या एक्सरसाइज क्लासेस में भी डाल सकते हैं।
कोई और नई लैंग्वेज सिखाना।
इसके अलावा आप गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को कोई नई लैंग्वेज भी सिखा सकते हैं। इसके लिए आप उनकी क्लासेस लगा सकते हैं। क्योंकि हिंदी और इंग्लिश के अलावा और भी कई भाषाएं भारत में पॉपुलर हो रही हैं। और कोई और नई भाषा सीखने का फायदा बच्चे को आगे चलकर उसके कैरियर में होगा। इसके साथ ही बच्चा इसमें इंटरेस्ट भी लेने लगेगा। क्योंकि बच्चा नया काम सीखने में ज्यादा इंटरेस्ट लेता है। साथ ही नई लैंग्वेज सीखने से कभी-कभी ट्रैवल में भी इसका फायदा होता है और बच्चों में कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है।
बच्चों को नानी या किसी अन्य रिश्तेदार के वहां लेकर जाएं।

आजकल हर कोई अपनी लाइफ में इतना बिजी हो गया है कि उसे फुर्सत ही नहीं है रिश्तेदारों के वहां जाने की। लेकिन साल भर की व्यस्तता के बाद समर वेकेशन पर बच्चों को कुछ दिनों के लिए उनकी नानी या किसी खास रिश्तेदार के यहां जरूर ले जाएं। ऐसा करने से बच्चे अपने रिश्तेदारों को पहचानेंगे भी और उनके साथ बॉन्डिंग बनाने का मौका भी मिलेगा। साथ ही उनका माहौल भी चेंज होगा। दूसरी जगह जाकर बच्चे बहुत कुछ नया सीखते भी हैं।
कुछ जानने योग्य सवालों के जबाब I
1-क्या आपको पता है बच्चे कब किसी काम को जल्दी सीखते हैं?
बच्चे जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं। कोई भी काम वह तब जल्दी सीखते हैं जब वह उस काम को खुद करते हैं।
2-मोबाइल की लत होने वाली बीमारी को क्या कहते हैं?
मोबाइल की लत होने वाली बिमारी को नोमोफोबिया कहते हैं।
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