{navjaat shishu} बच्चों की स्किन बड़ों की तुलना में 4 गुना अधिक सेंसटिव होती है।वह इतनी मासूम होती है कि उनकी स्किन को जरा सा जोर से पकड़ने पर लाल कलर के निशान हो जाते हैं। जब बच्चा जन्म लेता है तो उसकी त्वचा वातावरण में खुद को एडजस्ट करने की कोशिश करती है।अक्सर बच्चे की त्वचा में रैशेज या दाने दिखाई देते हैं। इसके लिए बच्चों की त्वचा को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। तो आइए बात करते हैं कि कैसे हम बच्चे के नाजुक स्किन का खयाल रख सकते हैं।

बच्चों को नहलाने के लिए ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल ना करें।
कई बार माता बच्चों को सर्दी के मौसम में ज्यादा गर्म पानी से नहलाती हैं। वह इसलिए कि वह सोचती हैं बच्चे को सर्दी के कारण सर्दी,जुखाम ना हो जाए। परंतु यह केवल एक भ्रम है। ज्यादा गर्म पानी से नहलाने से बच्चों की स्किन पर रैशेज पढ़ सकते हैं।इसलिए बच्चे को गुनगुने पानी से थोड़ा ज्यादा गर्म पानी से नहलाएं। बहुत अधिक गर्म पानी से नहीं।
बच्चे का साबुन,क्रीम, पाउडर और माइश्चराइजर सब अलग इस्तेमाल करें।
बच्चों की स्किन बड़ों से बहुत ज्यादा अलग होती है। इसलिए हमेशा बच्चों पर उन्हीं के साबुन, क्रीम ,पाउडर, माइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। बड़ों और बच्चों के लिए एक ही प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करें। यह बच्चों की त्वचा के लिए बहुत जरूरी है।
साफ सफाई का ध्यान रखना है बहुत जरूरी।
बच्चों की स्किन की सुरक्षा के लिए उनकी साफ सफाई का ध्यान देना बहुत जरूरी है। बच्चे को सप्ताह में तीन बार नॉर्मल बाथ और चार बार स्पंज बाथ करवाएं। स्पंज बाथ कराते समय मुलायम स्पंज या फिर मुलायम कपड़े का ही प्रयोग करें।बच्चे को हमेशा साफ-सुथरे हाथों से पकड़े।और उनकी नैपी को डिटॉल के पानी में जरूर धोएं। इससे बच्चे में इंफेक्शन का खतरा नहीं रहता है।
हमेशा सॉफ्ट टॉवल ही इस्तेमाल करें।

बच्चे की स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती है। इसलिए उसे नहलाने के बाद हमेशा सॉफ्ट टॉवल का ही इस्तेमाल करें। और वह टॉवल साफ़ भी रखें।इससे बच्चे की स्किन में रैशेज नहीं पड़ते हैं। बच्चे के कपड़ों को हमेशा अलग से माइल्ड डिटर्जेंट से ही धोएं।उन्हें सब बड़ों के कपड़ों के साथ ना धोएं।
बच्चों की त्वचा के लिए मसाज है बहुत जरूरी।
बच्चों की त्वचा के लिए मसाज बहुत जरूरी है।इसलिए उनकी नियमित रूप से मसाज करें। क्योंकि मसाज करने से बच्चे की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। साथ ही इससे ब्लड का सरकुलेशन भी अच्छा रहता है। मालिश करने से बच्चे की त्वचा को पोषण भी मिलता है। और वह मोश्चराइज भी रहती है। मसाज के लिए जैतून, नारियल और सरसों का तेल बेस्ट रहता है।
गर्मी में बच्चों को कॉटन के कपड़े की पहनाएं।
गर्मी के दिनों में बच्चे की स्किन में आसानी से रैशेज पड़ जाते हैं। इसलिए हमेशा गर्मी में बच्चों को कॉटन के कपड़े की पहनाएं।क्योंकि गर्मी में पसीने की वजह से सिंथेटिक कपड़ों से बच्चों की स्किन में दाने होने का खतरा रहता है। इसलिए कॉटन के कपड़े पसीना सोखने वाले और आरामदायक होते हैं।
बच्चे को गीले में ना रखें।
बच्चे की स्किन का ध्यान रखने के लिए टाइम -टाइम पर उनकी नैपी बदलते रहें। उन्हें ज्यादा देर तक गीले में ना रखें। ज्यादा देर तक गीले में रहने से बच्चे की स्किन पर सबसे ज्यादा रैशेज पढ़ते हैं। और इस गीलेपन की वजह से बच्चे चिड़चिड़े होते हैं। गीली नैपी में रहने से बच्चे में इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है।
हमेशा डायपर पहना कर ही ना रखें।
बच्चों की त्वचा बहुत कोमल होती है।छोटे बच्चे को डायपर से बहुत जल्दी रैशेज हो जाते हैं। इसलिए अपने बच्चे को ज्यादा देर तक डायपर में कभी ना रखें। हमेशा बच्चे को सॉफ्ट डायपर ही पहनाएं। अगर डायपर पहनाने से बच्चे को रैशेज पढ़ गए हैं तो उस जगह को कुछ देर तक खुला छोड़ दें।और उसे अच्छे से पोंछ कर सुखा कर पाउडर लगाएं।
बच्चों के नाखून हमेशा छोटे रखें।
बच्चों की त्वचा को कोई नुकसान ना पहुंचे इसके लिए छोटे बच्चे के नाखून हमेशा काट कर ही रखें। क्योंकि बच्चे खुद से अपने को चोट पहुंचा सकते हैं।इसलिए बच्चे के नाखून उनके नेल कटर से आराम से काटें। उनके नाखून हमेशा साफ रखें। क्योंकि बच्चे कई बार अपनी अंगुलियों को मुंह में डालते रहते हैं।
FAQ About Baby Care in Hindi
1. बच्चों (navjaat shishu) की मालिश किस तेल से करनी चाहिए?
बच्चों की मालिश के लिए आप निम्न में से किसी भी तेल का इस्तेमाल कर सकते है।
• नारियल तेल: नारियल तेल का चुनाव करना एक बेहतर विकल्प है
• सरसों का तेल: सरसों का तेल शरीर को गर्म रखने में मददगार होता है
• जैतून का तेल: बच्चों के लिए जैतून का तेल बहुत फायदेमंद होता है
2. बच्चे का साबुन,क्रीम, पाउडर और माइश्चराइजर शेयर कर सकते है?
बच्चे का साबुन,क्रीम, पाउडर और माइश्चराइजर शेयर करना उपयुक्त नही माना गया है।
3. शिशु की स्किन को नैचुरली गोरा और साफ करने के लिए क्या करें ?
baby fairness tips in hindi शिशु की स्किन को नैचुरली गोरा करने के किये आप कच्चे दूध में हल्दी या बेसन मिलाकर शिशु के शरीर पर लगाएं और 5 से 10 मिनट के बाद इसे साफ और सूती कपड़े से हटा दें। दूध में विटामिन ए, डी, बी12, लैक्टिक एसिड और बायोटिन के साथ कई अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। यह नैचुरल क्लींजर की तरह काम करता है जिससे स्किन हाइड्रेट रहती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं जो रंगत को निखारने का काम करते हैं। बेसन से भी स्किन पर तुरंत ग्लो आता है।
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