Deepawali Puja se Judi sampuran jankari | दीपावली पूजा से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। —

Deepawali Puja Deepawali kab Hai Lakshmi puja Muhurat Deepawali ki pooja samagri Deepawali Lakshmi Pooja Mantraजैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि हम सबका मनपसंद  दीपावली त्यौहार आने वाला है। दीपावली त्यौहार संपूर्ण देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दियों का यह त्यौहार सभी के लिए अपार खुशियां लेकर आता है।हिंदू धर्म में दिवाली सबसे बड़ा  त्यौहार होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है।

Deepawali Puja
Deepawali Puja

दीपावली इस वर्ष 24 अक्तूबर,सोमवार को मनाई जाएगी।प्रकाश का ये पर्व मुख रूप से लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के लिए ख़ास माना जाता है। आइए दोस्तों आज बात करते हैं प्रकाश के पर्व दीपावली त्यौहार के बारे में।

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दीपावली त्यौहार 2022 किस दिन मनाया जाएगा। (Deepawali kab Hai)

इस वर्ष दीपावली त्यौहार 24 अक्टूबर सोमवार के दिन मनाया जाएगा। क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्यौहार  मनाया जाता है। अमावस्या की तिथि 24 अक्टूबर 2022 सोमवार के दिन पड़ रही है।

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 2022। — (Goddess Lakshmi puja Muhurat)

अमावस्या तिथि आरंभ-24 अक्टूबर को 06:03 बजे।

अमावस्या तिथि समाप्त – 24 अक्टूबर 2022 को 02:44 बजे।

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त  : शाम 6:54:52 से रात्रि 08:16:07 तक।

समय 1घंटे 21 मिनट तक।

प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक।

वृषभ काल – शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार। — (Deepawali Five day’s festival)

दीपावली का त्यौहार केवल 1 दिन का त्यौहार नहीं है। यह 5 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है।यह त्यौहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। यह पांच दिवसीय त्यौहार में सबसे पहले धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा होती है और इस दिन बर्तन,आभूषण इत्यादि खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।इस महोत्सव के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी तिथि होती है जिसमें यम देव की पूजा और दीपदान किया जाता है।

Deepawali kab Hai
Deepawali kab Hai

तीसरे दिन मुख्य दिवाली होती है जिस दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान के पूजन के साथ साथ घर को रोशनी से भी सजाया जाता है।दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का विधान है। जिसमें गाय की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है जो कि भाई बहन के अटूट प्यार और स्नेह का त्यौहार है। इस तरीके से दीपावली त्यौहार 5 दिन तक चलता है।

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त का महत्व। –(Deepawali par Lakshmi Puja ke Shubh muhurat ka Mahatva)

दिवाली में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, भगवान कुबेर और माता सरस्वती की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में किया जाना सबसे शुभ माना गया है। प्रदोष काल का मतलब सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त से होता है।इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है।

दीपावली की पूजा सामग्री। — (Deepawali ki pooja samagri)

Deepawali ki pooja samagri
Deepawali ki pooja samagri

माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, खील, बताशे, जनेऊ, श्वेस वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख।

लक्ष्मी जी की पूजा विधि। –(method of Goddess Lakshmi Pooja)

दिवाली के दिन सबसे पहले सुबह उठकर एक बार फिर से घर के हर कोनों की साफ-सफाई करें। इसके बाद स्नान करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें।

दीपावली के दिन मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं। और दरवाजे पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।

शाम के समय पूजा स्थान पर चौकी बिछाएं उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर गंगाजल का छिड़काव करते हुए देवी लक्ष्मी,भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ मां सरस्वती और कुबेर देवता की प्रतिमा स्थापित करें।

इसके बाद शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए पूजा आरंभ कर दें। विधि-विधान और परंपरा के अनुसार लक्ष्मी पूजन करें।

अंत में माता लक्ष्मी की आरती करके प्रसाद बांटे।

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व। — (Deepawali par Lakshmi Pooja ka mahatva)

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा का बहुत महत्व होता है। इस दिन लक्ष्मी  मैया के साथ-साथ गणेश जी कुबेर जी और मैया सरस्वती की भी पूजा की जाती है।मान्यता है कि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन पर घर में रिद्धि-सिद्धि के साथ सुख,संपन्नता और धन दौलत का प्रवेश होता है।

लक्ष्मी पूजन करते समय पढ़ा जाने वाला मंत्र।– (Deepawali Lakshmi Pooja Mantra)

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा विधि विधान से की जाती है।

इस दिन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्ये नम:” मंत्र का 108बार जाप अवश्य करना चाहिए।इस मंत्र के जाप से कर्ज से मुक्ति मिलने की मान्यता है। और सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान गाए जाने वाली आरती। (Mata Lakshmi ki Aarti)

ॐजय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी,

तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,

नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ॐजय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि,

तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,

भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

  जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।

  सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥

  ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते,

  वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव,

  सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

   शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।

   रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥

   ॐ जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती,

   जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता,

   पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दिवाली पूजा के दौरान क्या करें। –(Deepawali Puja Kaise Karein)

Deepawali Lakshmi Pooja Mantra
Deepawali Lakshmi Pooja Mantra

1-दिवाली की रात में अपने घर के दक्षिण-पूर्व कोने में एक सरसों के तेल का दीपक जलाकर रखें।

2-दीपावाली पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से करें।

3- गणेश-लक्ष्मी पूजा के दौरान लाल वस्त्रों को धारण करना शुभ माना जाता है।

4-पूजा करते समय परिवार के सभी सदस्यों को उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

5-मुख्य पूजा का दीया देसी घी का जलाएं।

6-घर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

7-दिवाली में जलाए जाने वाले दियों की संख्या 11, 21, 51 रखें।

दिवाली पूजा के दिन क्या ना करें। –(Deepawali Puja ke din kya na karen)

1-दीपावली हिंदुओं का एक प्रमुख धार्मिक त्यौहार है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसलिए

2-इस दिन शराब पीने और मांसाहारी भोजन लेने से बचें।

3-भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति न रखें, जिसकी सूंड दाहिनी ओर हो। 

4-दिवाली के दिन न किसी से उधार लें और न ही किसी को धन उधार देना चाहिए। धन के सभी प्रकार लेन-देन दीपावली से दो दिन पहले ही कर लेना चाहिए।

5-दिवाली के दिन घर में भूलकर भी किसी कोने में गंदगी नहीं छोड़नी चाहिए। मान्यता है कि जिस घर में गंदगी होती है, वहां पर मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है।

6-दिवाली पर किसी को भी कांटे वाले पौधे, हिंसक या उदासी भरे चित्र, नुकीले खिलौने आदि  उपहार में नहीं देना चाहिए।

7-दीपावली के दिनों में व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं करना चाहिए और जोर से चिल्लाना भी अशुभ माना जाता है।

8-इस दिन व्यक्ति को शाम के वक्त नहीं सोना चाहिए।

इस वर्ष 2022 किस दिन की जाएगी गोवर्धन पूजा। (kis din ki jayegi Goverdhan Puja)

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है।गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 24 अक्टूबर 2022 को महालक्ष्मी पूजा मनाई जाएगी इस हिसाब से गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को होनी चाहिए परंतु इस वर्ष दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच में सूर्य ग्रहण लग रहा है।ऐसे में सूर्यग्रहण के कारण इस साल दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा नहीं होगी। सूर्य ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को करी जाएगी। और 27 अक्टूबर को भैया दूज का त्यौहार मनाया जाएगा।

FAQ about festival Deepawali Puja .

Q.1-क्या आप जानते हैं दिवाली त्यौहार कितने दिन मनाया जाता है?

Deepawali Lakshmi Pooja Mantra

A. दिवाली त्यौहार 5 दिन तक मनाया जाता है।

Q2.-घर में सुख समृद्धि बढ़ती रहे इसके लिए दीपावली के दिन क्या करें?

Deepawali ki pooja samagri

A. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता बाहर चली जाती है। मां लक्ष्मी घर में आती हैं।

Q3-दीपावली के दिन क्या देखना शुभ माना जाता है?

deepawali » Himani

A. दीपावली की रात को उल्‍लू का दिखना शुभ माना जाता है क्योंकि उल्‍लू को लक्ष्‍मीजी का वाहन माना जाता है।

Q4-दीपावली के दिन दिए जलाते समय किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए?

deepawali puja ka mahatwa » Himani

दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते…
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति..
दीपक जलाते समय इस मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए। इससे सभी बिगड़े काम बनते हैं।

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