(shishu aahar 6-15 mahene ke shishu ko kya khilaye?) हमारे घर की रौनक हमारे बच्चों से ही है। वह दिन हमारी जिंदगी का सबसे अनमोल दिन होता है। जिस दिन हमारा बच्चा इस दुनिया में आता है। उसका मासूम चेहरा देखकर हमें वह खुशी मिलती है, जो खुशी दुनिया में किसी भी चीज में नहीं है। शुरू के 6 महीने तक तो बच्चा अपनी मां का ही दूध पीता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है ।सभी पेरेंट्स को उसके स्वास्थ्य और खानपान की चिंता बनी रहती है।

बच्चे के जन्म के 6 महीने के बाद उसके खाने का विशेष रुप से ध्यान रखना होता है। कुछ बच्चे तो कुछ खाते ही नहीं हैं। और यह parents के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। क्योंकि हमें बच्चों को ऐसी चीजें खिलानी है जिससे उसका शारीरिक और मानसिक विकास दोनों हो। शिशु आहार
6 महीने के शिशु का आहार I – 6 month baby Food Chart in Hindi.
(शिशु आहार) शिशु को दलिया खिलाएंI – Shishu Aahar
6 महीने तक तो बच्चा केवल मां का दूध ही पीता है। उसके बाद उसके शरीर को और भी चीजों की आवश्यकता होती है। तो जब बच्चा 8 महीने का हो जाए तो उसे आप दलिया खिला सकते हैं। दलिया को आप मीठे और नमकीन दोनों ही तरीके से बना सकते हैं। नमकीन दलिया बनाने के लिए आप एक मुट्ठी दलिया और आधा मुट्ठी मूंग की दाल मिलाकर इसे प्रेशर कुकर में पका लें।
और प्रेशर कुकर की हवा निकल जाने के बाद इसमें थोड़ा सा नमक और आधा चम्मच से कम घी डाल दें।इसे अच्छे से मैश कर लें।जब यह प्युरी जैसा हो जाए तब आधा कटोरी बच्चे को खिला दे। इससे बच्चे का पेट भी भरा रहता है और यह पौष्टिक भी होता है।
(शिशु आहार) शिशु को केला खिलाएंI – Shishu Ko Kya Khilaye.
केला बच्चे के लिए बहुत लाभदायक होता है। क्योंकि केले में विटामिन बी _6 पाया जाता है। जो कि शिशु के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक उपयोगी होता है।आप शिशु को दोपहर के समय केले को मैश करके इसकी प्युरी बनाकर खिला सकते हैं। ठंड के मौसम में और जब बच्चे को सर्दी खांसी या जुकाम हो तब केला नहीं खिलाना चाहिए। केले को हमेशा शिशु को दिन के समय खिलाएं।
(शिशु आहार) शिशु को सेब खिलाएंI -Shishu Aahar
आप अपने बच्चे को 6 महीने बाद सेब भी खिला सकते हैं। सेब के सेवन से बच्चे में कब्ज की समस्या नहीं होती है। और इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है। आप शिशु को दोपहर के समय सेब की प्यूरी बनाकर खिलाएं। इसके लिए आप एक सेब को अच्छे से धो लें। फिर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर इसके बीज निकाल लें। इसके बाद इनको कटोरी में डाल दें। इस कटोरी को पानी से भरे प्रेशर कुकर में रख दें।
और प्रेशर कुकर में तीन से चार सीटी आने तक पकाएं। उसके बाद कुकर की भाप निकलने के बाद कटोरी बाहर निकाल लें। और थोड़ा ठंडा होने पर उसे हाथों से अच्छे से मैश करके बच्चों को खिलाएं। आप चाहे तो इसे मैश करते समय इसमें थोड़ा सा दूध डाल कर भी मैश कर सकते हैं।
(शिशु आहार) शिशु को दालों का पानी पिलायेI -9 mahine ke baby ko kya khilana chahiye

शिशुओं के लिए दाल का पानी भी बहुत उत्तम होता है। क्योंकि दालों में प्रोटीन पाया जाता है। आप लोग मूंग और मलका जैसी हल्की दालों को mix करें। इसे प्रेशर कुकर में अच्छे से गला लेने के बाद बच्चों को जरूर खिलाना चाहिए। अगर 8 महीने का बच्चा इसे निगल नहीं पा रहा है तो आप छानकर इसका पानी भी बच्चे को पिला सकते हैं। यह बहुत पौष्टिक होता है।
(शिशु आहार) शिशु को रागी का हलवा खिलाएंI – Ragi Ka Halwa For Infant in Hindi
रागी भी बच्चों के लिए बहुत अच्छी चीज है। आप इसका हलवा बनाकर शिशु को खिला सकती हैं। इसके लिए आप एक पैन में 2 टी स्पून रागी लेकर उसमें 3/4 कप पानी डालकर इसे लगातार चलाते रहिए। नहीं तो इसमें लम्स बनने लगेंगे। उसे 10 से 15 मिनट तक पकाते रहें। इसके बाद इसमें 1 टीस्पून जैगरी पाउडर डाल दें। और ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिए। फिर इसे शिशु को खिलाइए। आप चाहे तो आप इसमें आधा उबला हुआ मैश किया हुआ एप्पल भी मिला सकते हैं। यह बहुत पौष्टिक होता है।
(शिशु आहार) मूंग दाल और चावल की खिचड़ीI – Shishu Ko Moong Daal Or Chawal Ki Khichdi Kab De.
खिचड़ी बच्चों के लिए बहुत अच्छा आहार है। 6 महीने के बाद आप इसे अपने शिशु को खिला सकते हैं। इसके लिए आपको दो चम्मच मूंग दाल और दो चम्मच चावल लेना है। इसे प्रेशर कुकर में डालकर एक कप पानी डालना है। और इसमें आधा चम्मच घी थोड़ा सा नमक और थोड़ा सा हींग डालना है। इसके बाद दो सिटी में इसे पका लेना है। इसके बाद गैस बंद करके इसे थोड़ा ठंडे होने देना है। उसके बाद आप इसे चेक कर लीजिए।
अगर खिचड़ीअच्छे से बन गई हो, तो इसे कुकर से निकालकर अच्छे से मैश कर दीजिए। या मिक्सी में ग्राइंड कर लीजिए। अब इसे अपने शिशु को खिलाइए इससे बच्चे को चावल और दाल दोनों के फायदे मिलते हैं। इसे शिशु को जरूर खिलाना चाहिए।
ऐसी ही पौष्टिक चीजों के साथ आप अपने शिशु के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं। बाजार के बने पैक्ड फूड आइटम्स में काफी प्रिजर्वेटिव मिले हुए होते हैं। जोकि शिशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए आप घर पर ही पौष्टिक खाना बनाकर अपने शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास कर सकते हैं।
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